जादुई झील का रहस्य ( Secret of the Magic Lake )

जादुई झील का रहस्य

Secret of the Magic Lake

गाँव के बाहर एक घना जंगल था। उस जंगल के बीचों-बीच एक सुंदर झील थी। यह झील बहुत रहस्यमयी थी और गाँव के लोग इससे दूर ही रहते थे। हर कोई कहता था कि इस झील में जादू है। पर किसी ने कभी झील के जादू को देखा नहीं था।

एक दिन, गाँव के एक छोटे लड़के, रवि, ने फैसला किया कि वह इस रहस्य का पता लगाएगा। रवि का मन हमेशा रोमांचक कहानियों और रहस्यों में डूबा रहता था। उसकी दादी ने उसे एक दिन बताया था कि झील के पानी में एक अदृश्य जादुई दुनिया है, जो सिर्फ साहसी लोगों के लिए खुलती है।

रवि ने अपनी दादी की बात याद करके झील की ओर कदम बढ़ाए। जब वह झील के पास पहुँचा, तो उसने देखा कि वहाँ एक बहुत ही पुराना और बड़ा पेड़ था। पेड़ की शाखाएँ झील के ऊपर लटक रही थीं। पेड़ की जड़ों में एक छोटा सा दरवाजा था। दरवाजे पर एक ताला लगा था और ताले में एक अजीब सी चाबी लगी हुई थी।

रवि ने चाबी घुमाई और दरवाजा खुल गया। जैसे ही दरवाजा खुला, एक तेज रोशनी निकली और रवि को खींचकर अंदर ले गई। रवि ने खुद को एक अद्भुत दुनिया में पाया। यहाँ पेड़ बोल सकते थे, पक्षी गाना गाते थे, और जानवर इंसानों की तरह बात करते थे। 

उसने देखा कि वहाँ एक छोटी सी परी उसके सामने खड़ी थी। परी ने मुस्कराते हुए कहा, "स्वागत है रवि, मैं इस जादुई दुनिया की रक्षक हूँ। मैंने तुम्हारा इंतजार किया है।"

रवि आश्चर्यचकित होकर बोला, "मेरा इंतजार? क्यों?"

परी ने कहा, "तुम्हारे अंदर वह साहस है जो इस जादुई दुनिया को बचा सकता है। यहाँ एक बुरी जादूगरनी ने जादू की झील पर अपना काला जादू फैला दिया है। अगर उसे नहीं रोका गया, तो यह जादुई दुनिया नष्ट हो जाएगी।"

रवि ने साहसपूर्वक कहा, "मैं क्या कर सकता हूँ?"

परी ने बताया, "तुम्हें जादूगरनी के महल में जाकर उसके जादू का ताबीज चुराना होगा। लेकिन यह आसान नहीं होगा। तुम्हें कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा।"

रवि ने बिना किसी हिचकिचाहट के कहा, "मैं तैयार हूँ।"

परी ने उसे एक जादुई छड़ी दी और कहा, "इस छड़ी से तुम हर समस्या का समाधान पा सकोगे।"

रवि ने छड़ी को मजबूती से पकड़ा और अपने सफर की शुरुआत की। पहले उसे एक गहरी खाई पार करनी पड़ी, जिसमें पानी भरा हुआ था। उसने छड़ी का उपयोग किया और पानी में पुल बना लिया। 

आगे बढ़ते ही उसे एक विशाल अजगर मिला, जो उसके रास्ते में खड़ा था। रवि ने फिर से छड़ी का उपयोग किया और अजगर सो गया। 

आखिरकार, रवि जादूगरनी के महल में पहुँचा। महल के अंदर, जादूगरनी ने उसे देखा और जोर से हँसी। "तुम यहाँ क्यों आए हो, छोटे लड़के?"

रवि ने साहसपूर्वक कहा, "मैं तुम्हारे जादू का ताबीज लेने आया हूँ।"

जादूगरनी ने क्रोधित होकर कहा, "तुम्हें मुझसे लड़ना होगा।"

रवि ने छड़ी उठाई और जादूगरनी के साथ लड़ाई शुरू कर दी। लड़ाई लंबी चली, लेकिन अंत में रवि ने ताबीज छीन लिया और जादूगरनी को हरा दिया। 

ताबीज के छूते ही, महल गायब हो गया और रवि वापस झील के पास आ गया। परी ने प्रसन्न होकर कहा, "तुमने इस जादुई दुनिया को बचा लिया, रवि। तुम्हारा साहस और बुद्धिमानी सभी के लिए प्रेरणा है।"

रवि ने मुस्कराते हुए ताबीज परी को दे दिया और अपने गाँव वापस आ गया। गाँव के लोग उसकी बहादुरी के किस्से सुनकर गर्व महसूस करते थे। रवि की कहानी सबके लिए यह संदेश छोड़ गई कि साहस और निष्ठा से हर कठिनाई का सामना किया जा सकता है।